जनसंख्या नियंत्रण कानून उत्तर प्रदेश 2021

 

जनसंख्या नियंत्रण कानून यूपी 2021














 उत्तर प्रदेश सरकार ने 11 जुलाई 2021 को जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की घोषणा की गई है यह कानून राज विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल के मार्गदर्शन में तैयार किया गया वाद विधि आयोग ने अपना मसौदा तैयार करके सरकार को भेज दिया है और उत्तर प्रदेश की सरकारी वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया है 29 जुलाई तक लोगों से सुझाव मांगे गए
अगस्त के पहले हफ्ते में सरकार को सौंप दिया जाएगा और सरकार इसे कानूनी विधि विधाओं के पास भेजेंगे जैसा कि बताया जा रहा है जनसंख्या नियंत्रण कानून के रूप में कम और प्रोत्साहन के रूप में अधिक होगा लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के रूप में जागरूक भी किया जाएग
 यह कानून पारित होने के एक साल बाद लागू होगा
 यह कानून ऐसे व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा जैसे कि कोई महिला 45 साल की है और उसका बच्चा 10 साल का है उन लोगों पर यह कानून लागू नहीं है 


 जनसंख्या नियंत्रण कानून की प्रमुख बातें

  •  एक बच्चा होने पर लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा लड़का होने पर 80000 और लड़की होने पर 1 लाख  ₹100000 दिए  जाएंगे
  •  बीपीएल धारकों को एक बच्चे के बाद ऑपरेशन करा लेने पर निम्न   सुविधा दी जाएगी 
  •  लड़कों की 20 वर्ष तक की शिक्षा पूर्णता निशुल्क रहेगी
  •  लड़कियों की उच्च शिक्षा तक पूर्णता निकल रहे चिकित्सा सेवा सरकारी नौकरी होने पर भी एग्रीमेंट डबल दिए जाएंगे
  •  एक बच्चा होने पर लोगों को प्रमोशन भी फायदा मिलेगा
  •  ऐसे बच्चों को इंजीनियर और मेडिकल के लिए भी प्रमोट किया जाएगा

 2 बच्चों से  से अधिक होने पर

  •  2 बच्चों से अधिक होने पर बिना तो सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे
  •  और ना ही निकाय चुनाव स्थानीय चुनाव के योग होंगे
  •  और सरकार द्वारा अन्य योजनाओं का लाभ से भी वंचित रहें राशन और सच डी से 4 लोगों की ही दी जाए
  •  जिनके पास दो या दो से अधिक बच्चे हैं उनमें से एक विकलांग है तो उनके लिए एक बच्चे की छूट होगी 
           ऐसे लोग जिनकी दो या दो से अधिक पत्नियां हैं उनके दो ही बच्चे मान्यय होंगे

 

   बे प्रदेश जहां जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू है

 जनसंख्या नियंत्रण कानून बहुत ही आवश्यक है   प्रधानमंत्री मोदी भी उसे अवश्य बता चुके हैं
 वर्तमान जनसंख्या विस्फोट का रूप ले चुकी है
 यूपी  के अलावा भी अन्य प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू कर चुके है


 मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ -

 मध्यप्रदेश में 2001 टु चाइल्ड पॉलिसी के तहत स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने और सरकारी नौकरी पर प्रतिबंध सरकारी नौकरी और जुडिशल सेवाओं में अभी भी टू चाइल्ड पॉलिसी लागू है

 राजस्थान-

 राजस्थान पंचायती एक 1994 एक के तहत 2 बच्चों से अधिक के कि लोगों को सरकारी नौकरी के लिए आयोग माना जाता है दो से अधिक बच्चे होने पर  पंचायती चुनाव के लिए वह तभी योग्य माने जाते हैं अगर उनमें से एक विकलांग


 आंध्र प्रदेश और तेलंगाना -

 पंचायती  राज एक्ट 1994 के तहत एक शख्स को चुनाव लड़ने से सिर्फ इसलिए रोक लगा दी क्योंकि उसके दो से अधिक बच्चे थे



 गुजरात-

 लोकल अथॉरिटी एक्ट 2005 को बदल दिया जाए 2 से अधिक अच्छे होने पर पंचायती चुनाव के लिए नगर पालिका चुनाव के लिए चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं


 उड़ीसा -

 दो से अधिक बच्चे होने पर अर्बन बॉडी इलेक्शन लड़ने के लिए मान्य नहीं

 बिहार उत्तराखंड-


 यहां भी टू चाइल्ड पॉलिसी लागू है लेकिन सिर्फ नगर पालिका चुनाव तक 


 महाराष्ट्र-

 सिविल सर्विस रूल्स ऑफ 2005 के अनुसार ऐसे शख्स को राज्य में कोई भी शासकीय पद नहीं मिल सकता जिन लोगों के दो से अधिक बच्चे ऐसी महिलाओं को पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन से भी बेदखल कर दिया जाए


 असम -

 वर्तमान जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने वाला राज्य 1 जनवरी 2021 के बाद 2 बच्चों से अधिक वाले व्यक्ति को कोई भी सरकारी नौकरी नहीं है


 जाने आख़िर क्यों बढ़ रही है जनसंख्या जैसे

  1.  भारत भौतिक स्थिति से एक गर्म क्षेत्र जिससे यहां की महिलाओं में कम उम्र में ही परिपक्व हो जाती है
  2.  कम उम्र में शादी हो जाने से महिलाएं
  3.  जागरूकता और शिक्षा का अभाव बच्चों को भगवान का प्रसाद मानते हैं
  4.  पुत्र प्राप्ति समाज में पुत्र को वंश  बढ़ाने वाला माना जाता है 
  5.  मानसिक और रूढ़िवादी सोच जैसे अगर बच्चे ज्यादा होंगे तो ज्यादा पैसे कमाएंगे और ज्यादा काम करें
  6.  कृषि पर निर्भरता किसी क्षेत्र के लिए अधिक व्यक्तियों की आवश्यकता होती है यह भी जनसंख्या बढ़ने का कारण है


Currentissue में भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून क्यों आवश्यक

 वर्तमान भारत की जनसंख्या 135 करोड़ जो अन्य 100 देशों से भी ज्यादा भारत की
 TFR =2005-2006 मै 3.8 है
TFR=2015-2016मै 2.7   था
 भारत की जनसंख्या वृद्धि विस्फोट का रूप ले चुकी है इतनी अधिक जनसंख्या के लिए साधन  जुटाना बहुत हि मुश्किल है
 अत्यधिक जनसंख्या होने के कारण प्राकृतिक स्त्रोतों का भी दोहन हो रहा है जनसंख्या के रहने के लिए बन काटे जा रहा है जिससे प्रदूषण और वर्षा जल में भारी कमी हो रही है कृषि योग्य भूमि का भी हिप्स कम रहा 
 अधिक जनसंख्या के लिए स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराना भी बहुत मुश्किल जनसंख्या बढ़ने के कारण बेरोजगारी भी बढ़ रही है
अगर यूपी की बात करें यूपी की जनसंख्या 2022 तक 23.76 करोड़ हो जाएगी
 यूपी में 1000 मरीजों में .38%  डॉक्टर अतः स्वास्थ सेवाओं का अभाव है 
 एक देश की श्रेणी में रखे तो पांचवा सबसे बड़ा देश होगा


 जनसंख्या नियंत्रण का क्या प्रभाव होगा

 जनसंख्या वृद्धि को कम करने के लिए और लोगों को जनसंख्या  वृद्धि मे  जागरूकता लाने के लिए लोगों को एक बच्चा पैदा करने और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए किया गया है

 जनसंख्या नियंत्रण कानून यूपी से पहले 9 राज्यों में लागू हो चुका है पर जनसंख्या वृद्धि में कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा जैसे कि मध्यप्रदेश 2001 में कानून लाया वहां की जनसंख्या 23 % अधिक वृद्धि से बड़ी जनसंख्या नियंत्रण का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता








 

 चाइना ने कैसे किया जनसंख्या नियंत्रण

 1970 के दशक में चीन में हो रही अंधाधुंध वृद्धि को रोकने के लिए चीन द्वारा परिवार जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए चीनी जनवादी गणराज्य परिवार नियोजन की नीति अपनाई
 जिसमें चीनी नगरीय दंपत्ति 01 बच्चा और ग्रामीण दंपत्ति  2 बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई
 इस नीति का उल्लंघन करने वाले दंपतियों की कई सालों की वेतन काटी गई और उन्हें जेल भेजे जाने का भी प्रावधान किया गया
 इस नीति के कारण चीनी जनसंख्या में कुछ लगाम तो लगी पर इसका परिणाम यह हुआ कि चीन में बुजुर्गों की संख्या बढ़ने लगी
 अगस्त 2013 के आंकड़ों के अनुसार चीन की जनसंख्या 9.1% लोगों की आयु 65 वर्ष से अधिक भाभी अनुभवों से पता चला कि है 2027 तक 15 परसेंट और 2035 तक 20 परसेंट हो जायगी
 अतः इस नीति में ढील देने की मांग बढ़ने लगी
 चीन में अल्पसंख्यक और ग्रामीण को पहले ही इस नीति में छूट थी पर अब नगरी संपत्तियों को भी 
 चीन ने इस पर ढील देने 2013 के बाद व दंपत्ति जिनके माता-पिता में से कोई एक है वह दोस्त बच्चे पैदा कर सकते हैं

 मासोदा तैयार हो जाने के बाद विरोधी पार्टियां इसे चुनावी मुद्दा बता रहे  उसका पूर्णता विरोध कर रहे हैं और ना ही समय समर्थन 








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