इजराइल हमाश जंग क्यों केसे क्या



|| इजराइल और हमास के बीच संघर्ष का क्या कारण ही :||

इजराइल और हमास के बीच जंग के कई कारण हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह एक जमीन की लड़ाई है। इजराइल एक यहूदी राज्य है, जो भूमध्य सागर के पूरब में स्थित है। हमास फ़लस्तीन का इस्लामिक चरमपंथी समूह है, जो गज़ा पट्टी से संचालित होता है। दोनों ही इस भूमि पर अपना दावा करते हैं, जिस पर उनके पवित्र तीर्थ स्थल भी हैं।

इजराइल और हमास के बीच का संघर्ष 20वीं सदी की शुरुआत से चल रहा है, जब यूरोप से आए यहूदी इस इलाके में अपनी मातृभूमि की मांग करने लगे। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने इस भूमि को दोनों के बीच बांटने का प्रस्ताव रखा, लेकिन अरब देशों ने इसे मना कर दिया। इसके बाद इजराइल ने 1948 में अपना राज्य घोषित किया, जिसके खिलाफ अरब देशों ने युद्ध छेड़ा।

1967 में इजराइल ने वेस्ट बैंक और गज़ा पट्टी पर अपना कब्जा जमा लिया, जो फ़लस्तीनी क्षेत्र हैं। वेस्ट बैंक का नियंत्रण फ़लस्तीनी प्राधिकरण के पास है, लेकिन इजराइली सेना यहां की सुरक्षा व्यवस्था करती है। गज़ा पट्टी पर हमास का शासन है, जो इजराइल को नकारता है और उसे बर्बाद करने की कसम खाई है।

इजराइल और हमास के बीच की जंग का कोई स्थायी हल नहीं निकला है, क्योंकि दोनों ही अपने दावों पर अड़े हुए हैं। इजराइल गज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक को फ़लस्तीन को नहीं सौंपना चाहता, जबकि हमास इजराइल को एक वैध राज्य मानने को तैयार नहीं है।

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आशा है कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी।


 


2.इजरायल देश आखिर बना केसे ?

इजराइल का गठन 1948 में हुआ था, जब यहूदी स्थानीयता ने इसे एक आधिकारिक रूप से स्थापित किया। ब्रिटिश मैंडेट के समाप्त होने के बाद, यहूदी आदिवासी समुदाय ने अपने राष्ट्र की स्थापना के लिए कई सालों तक संघर्ष किया। 1947 में यूनाइटेड नेशंस ने पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच एक यहूदी राष्ट्र और एक अरब राष्ट्र की स्थापना का प्रस्तावित रूप से स्वीकृति दी, जो इजराइल की उत्पत्ति का कारण बना।

 आपका सवाल इसराइल देश के बनने के बारे में है। इसराइल देश का इतिहास बहुत पुराना और जटिल है। इसराइल देश के बनने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से कुछ मुख्य हैं:


 यहूदी लोगों का अपने पूर्वजों की धरती, यानी पवित्र भूमि, के प्रति आस्था और आकांक्षा। यहूदी लोगों को इतिहास में कई बार अपने देश से निकाला गया था, और उन्हें विश्व भर में अलग-अलग जगहों पर बसना पड़ा था। उन्हें अक्सर अन्याय, पीड़ा और उपेक्षा का सामना करना पड़ा था। इसलिए, वे हमेशा अपने मूल देश की याद में लगे रहे थे।

- दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाज़ी जर्मनी द्वारा यहूदियों का नरसंहार, जिसे होलोकॉस्ट कहा जाता है। इसमें लगभग 60 लाख यहूदी लोगों की हत्या की गई थी। इसने यहूदी लोगों को एक सुरक्षित और स्वतंत्र देश की जरूरत महसूस कराई।

- ब्रिटेन का पैलेस्टाइन पर शासन, जो वह तुर्की से पहले विश्व युद्ध के बाद प्राप्त किया था। ब्रिटेन ने यहूदी और अरब लोगों को पैलेस्टाइन में बसने की अनुमति दी थी, लेकिन दोनों समुदायों के बीच विवाद और हिंसा बढ़ती गई। ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र को इस मुद्दे का समाधान करने के लिए सौंप दिया।

- संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव, जिसने पैलेस्टाइन को दो अलग-अलग राज्यों में बांटने का सुझाव दिया था, एक यहूदी और एक अरब। यहूदी लोगों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया, लेकिन अरब लोगों ने इसे अस्वीकार कर दिया।

 14 मई 1948 को, ब्रिटेन के पैलेस्टाइन से निकलने के बाद, यहूदी नेता डेविड बेन-गुरियन ने इसराइल को एक नया देश घोषित कर दिया। इसराइल को अमेरिका, सोवियत संघ और कई अन्य देशों ने मान्यता दी। लेकिन, पड़ोसी अरब देशों ने इसराइल को अस्वीकार किया, और उन्होंने इसराइल पर हमला कर दिया। इसके बाद, इसराइल और अरब देशों के बीच कई युद्ध हुए, जिनमें इसराइल ने अपनी सीमाएं बढ़ाई और फिलिस्तीनी इलाकों पर कब्जा किया।


इस प्रकार, इसराइल देश का बनना एक लंबी और संघर्षपूर्ण प्रक्रिया रही है, जिसमें यहूदी लोगों का आस्था, अन्याय, राजनीति और युद्ध शामिल हैं। आज भी, इसराइल और फिलिस्तीन के बीच शांति का स्थायी समाधान नहीं मिल पाया है, और दोनों पक्षों के बीच तनाव बना रहता है।


इजरायल दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है। इसका इतिहास बहुत विस्तृत है और इसकी शक्ति के बारे में कई कारण हैं। इजरायल का अस्तित्व बहुत पुराना है और इसका इतिहास बहुत विस्तृत है। इसके अस्तित्व के पीछे कई कारण हैं, जैसे इसकी जनसंख्या, इसकी भौगोलिक स्थिति, इसकी आर्थिक शक्ति, इसकी सेना और इसकी तकनीकी उन्नति। इजरायल की आर्थिक शक्ति बहुत अधिक है और इसकी अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है। इसकी सेना भी बहुत ताकतवर है और इसकी तकनीकी उन्नति भी बहुत अधिक है। इसके अलावा, इजरायल ने अपनी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी बहुत उन्नति की है। इसके अलावा, इजरायल ने अपनी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी बहुत उन्नति की है। इसके अलावा, इजरायल ने अपनी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी बहुत उन्नति की है। इसके अलावा, इजरायल ने अपनी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी बहुत उन्नति की है। इसके अलावा, इजरायल ने अपनी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी बहुत उन्नति की है


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हमास कई देशों द्वारा समर्थित है। कुछ देशों में इसे एक आतंकवादी संगठन के रूप में देखा जाता है, जबकि कुछ देशों में इसे एक आवाज़ के रूप में देखा जाता है। इसके समर्थकों में इरान, तुर्की, कटर, लीबिया, अल्जीरिया, सौदी अरब, जॉर्डन, सीरिया, लीबेनान, इराक, यमन, और अफगानिस्तान शामिल हैं . इन देशों में से कुछ देशों ने हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में दर्ज किया है, जबकि कुछ देशों ने इसे एक आवाज़ के रूप में दर्ज किया है। इसके अलावा, हमास को फिलिस्तीनियों के बीच बहुत समर्थन मिलता है। इसके अलावा, हमास को फिलिस्तीनियों के बीच बहुत समर्थन मिलता है। 



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